Sunday, January 6, 2013

बदलते रिश्ते


बार बार खुद से वादा करके देख लिया,
बार बार खुद को समझकर देख लिया।
न आओगे अब वापिस लौटकर तुम,
इस एहसास क साथ जीकर भी देख लिया।।

गम क सैलाब, कम होता ही नहीं,
तुम्हारा एहसास दूर होता ही नहीं।
हर पल की याद, जो बिताया था साथ,
आँखों से ओझल होता ही नहीं।। 

कुछ पल तो साथ चले  थे,
सुख  दु:ख भी साथ बांटे थे।
आज रास्ते जुदा हो गए,
सारे नाते उम्र भर के लिए बदल गए।।

ये कहकर की कुछ संभव न था,
ये मानकर की यही होना था।
एक अनजान समुद्र में तुमने धकेल दिया,
जहां डूबने का दर नहीं है, लेकिन जीने की अभिलाषा भी नहीं है।।

जीवन के इस नए पड़ाव में,
बढ़ते जाना आगे तुम।
मुड़के देखना न कभी पीछे,
कि खाली दिल अपना ही पाओगे तुम।।