Saturday, February 14, 2009

नई शुरुआत

आज खोल दरवाज़े खुशीयों को अन्दर आने दो ,
पलकों पर छीपे आंसुओं को ढूंढ बाहर नीकालो

हँसना है मुझको भी आज हंस लेने दो,
इस जीवन के हर रंग से मुझे ख़ुद को रंग लेने दो

जी रही थी हर पल जब मैं तुम्हारे लीये,
तुमने ख़ुद ही भुजा दीये आशाओं के सब दीए

वादा करती हूँ तुमसे आज भुला दइया है मैंने तुमको,
नई इच्छाओं के साथ अब आगे चलना है मुझको

जीवन है एक अमूल्य तोहफा क्यों छोड़ूँ मैं इसका साथ,
बहा तुम्हारी यादों को आज मैंने थामा है इसका हाथ।।

Tuesday, February 10, 2009

जीवन का सार

कहने को तो ख्वाबों का यूँ अर्थ ही क्या है,
सपनों का सच्चाई से रइश्ता ही क्या है।
कलम लइखे दइल की बातों को तो कविता है,
छइपा लइया दइल के कोने में तो इच्छा है।

इच्छाओं का जीवन में अस्तइत्व ही क्या है,
जीवन में ख़ुद की बातों का मतलब क्या है।
चलता जाए समय का पहइया नइरंतर ही,
मानव के हाथों में आए तो रेखा है।

लइखा हुआ तेरे हाथों में कहाँ जाना है,
उसके कार्य का मानव केवल एक ज़रइया है,
हम कटपुतली, डोर उसी के हाथों में है,
जब भी खइंच जाए तेरे ख्वाबों की वो चइता है.

Monday, February 9, 2009

कुछ प्रश्न


इस रात को कहो यही थम जाए,
चाँद आज ढ़लना हई भूल जाए।
सूरज से कहना न जागे वो,
इस पल की बातें कइसी से न कहे वो।


यूँ
ही चलते-चलते कटेगा समय,
की साथ तुम्हारा है अद्वितीय।
कइतना कुछ है तुमसे कहना े, कइतना कुछ है सुनना,
इस रात को भी आज हमारे साथ होगा जगना।

न जाने दूँगी आज तुम्हे, करती हूँ यह पक्का वादा,
क्यूँ छूकर तुमने खुलवाया मेरे मन का टूटा दरवाज़ा।
क्या नाम रखूँ, क्या बात करूँ इस अनजाने से रइश्ते की,
चइत्त को बांधे तेरे मेरे कैसी है ये डोर नई।

Sunday, February 8, 2009

एक दुआ

आज आँखें बंद कर, महसूस कर लूँ तुम्हे
आज बांहों में भरकर, प्यार कर लूँ तुम्हे
जी भरके देख लूँ तुम्हे,
बुझ जाएँ यह जगमग दइए
जाओ पास मेरे की मइट जाए ये दूरियां,
रहे हमारे बीच अब कोई मजबूरियां
तुम्हारी आंखों में देखूँ मैं परछाई अपनी,
दइल में अपने भर लूँ, जीवन भर की खुशी
हर गम दे दो मुझे की झूम जाऊं मैं,
टूटे साथ अपना आज यह दुआ माँगू मैं