Saturday, February 14, 2009

नई शुरुआत

आज खोल दरवाज़े खुशीयों को अन्दर आने दो ,
पलकों पर छीपे आंसुओं को ढूंढ बाहर नीकालो

हँसना है मुझको भी आज हंस लेने दो,
इस जीवन के हर रंग से मुझे ख़ुद को रंग लेने दो

जी रही थी हर पल जब मैं तुम्हारे लीये,
तुमने ख़ुद ही भुजा दीये आशाओं के सब दीए

वादा करती हूँ तुमसे आज भुला दइया है मैंने तुमको,
नई इच्छाओं के साथ अब आगे चलना है मुझको

जीवन है एक अमूल्य तोहफा क्यों छोड़ूँ मैं इसका साथ,
बहा तुम्हारी यादों को आज मैंने थामा है इसका हाथ।।

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