Thursday, November 12, 2009

तुम्हारे लिए


पाना चाहूं तुमको, पर पाना है मुश्किल।
उड़ती पतंग को धारा से मिलाना है मुश्किल।

आशा हैं आँखों में अब भी लेकिन बाकी,
आओगे तुम एक दिन लेने मुझे साथी।

प्रेम की भाषा तो आँखों से ही बोली जाती है,
मानो दिल से दिल की बात सासों से पहुंचाई जाती है।

लव्जों में करुँ कैसे मैं बयान, दिल में मेरे छिपा है क्या।
लाखों भावनाओं का हार है यह, पिरोया केवल तुम्हारे लिए.

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