Sunday, February 8, 2009

एक दुआ

आज आँखें बंद कर, महसूस कर लूँ तुम्हे
आज बांहों में भरकर, प्यार कर लूँ तुम्हे
जी भरके देख लूँ तुम्हे,
बुझ जाएँ यह जगमग दइए
जाओ पास मेरे की मइट जाए ये दूरियां,
रहे हमारे बीच अब कोई मजबूरियां
तुम्हारी आंखों में देखूँ मैं परछाई अपनी,
दइल में अपने भर लूँ, जीवन भर की खुशी
हर गम दे दो मुझे की झूम जाऊं मैं,
टूटे साथ अपना आज यह दुआ माँगू मैं

10 comments:

  1. क्या बात लिख दी बहुत खूब रचना

    ReplyDelete
  2. सुंदर रचना
    भावों की अभिव्यक्ति मन को सुकुन पहुंचाती है।
    लिखते रहि‌ए लिखने वालों की मंज़िल यही है ।
    कविता,गज़ल और शेर के लि‌ए मेरे ब्लोग पर स्वागत है ।
    मेरे द्वारा संपादित पत्रिका देखें
    www.zindagilive08.blogspot.com
    आर्ट के लि‌ए देखें
    www.chitrasansar.blogspot.com

    ReplyDelete
  3. ati sundar..

    ________________________
    http://merastitva.blogspot.com

    ReplyDelete
  4. बहुत सुंदर…आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्‍लाग जगत में स्‍वागत है…..आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्‍दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्‍दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्‍त करेंगे …..हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।

    ReplyDelete
  5. उत्तम! ब्लाग जगत में पूरे उत्साह के साथ आपका स्वागत है। आपके शब्दों का सागर हमें हमेशा जोड़े रखेगा। कहते हैं, दो लोगों की मुलाकात बेवजह नहीं होती। मुलाकात आपकी और हमारी। मुलाकात यहां ब्लॉगर्स की। मुलाकात विचारों की, सब जुड़े हुए हैं।
    नियमित लिखें। बेहतर लिखें। हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं। मिलते रहेंगे।

    ReplyDelete
  6. बहुत सुन्दर भावपूर्ण रचना है।बधाई।

    ReplyDelete
  7. आपकी कविता काफी सुंदर और मर्मस्पर्शी है। अन्यथा न लें तो आपके टाइपिंग में शायद कुछ त्रुटि रह गई है। जैसे चौथी लाइन में 'दइए' की जगह 'दिए', पांचवीं लाइन में 'मइट' की जगह 'मिट' तथा आठवीं लाइन में 'दइल' की जगह 'दिल' होना चाहिए था। देखिए मैं आपसे पहले कह दिया है कि इसे अन्यथा न लीजिएगा।

    ReplyDelete
  8. आज आँखें बंद कर, महसूस कर लूँ तुम्हे।
    आज बांहों में भरकर, प्यार कर लूँ तुम्हे।
    wahh pahli laen main hi sixer....keep doing writting.....welcome to my blog .....till than happy valentine and ,.....
    Jai HO Magalmay ho

    ReplyDelete
  9. dil ka dard jhalakta hai is rachna mein..
    shubhkamnaein..

    ReplyDelete